उमा शर्मा ने अबतक सौ से अधिक चित्रकला प्रदर्शनी लगाई हैं
मथुरा। ब्रज में मंदिरों के अलावा भी ग्रामीण संस्कृति और यहां की प्राचीन कला तथा यहां का जन जीवन देखने योग्य है, सम्पूर्ण ब्रज के जनजीवन को दर्शाने का माध्यम है चित्रकला, जिससे ब्रज को प्रदर्शित किया जा सकता है, उन्होंने ब्रज लोक कला एवं शिल्प संग्रहालय के हॉल में लगाई गई चित्रकला प्रदर्शनी को देख कर कहा कि ब्रज के जन जीवन को जिस प्रकार से यहां दर्शाया गया है, वह पुरानी यादों को ताजा करता है। उक्त विचार जिला पंचायत अध्यक्ष व के. एम. यनिवर्सिटी के कुलाधिपति चौ0 किशन सिंह ने चित्रकला प्रदर्शनी के समापन के अवसर पर कहा कि आज की युवा पीढी को इस प्रकार की कला को सिखाने के प्रयास होने चाहिए जिससे युवाओं में भी अपने ग्रामीण जन जीवन से जुड़े रहने का अवसर मिलेगा।
प्रदर्शनी के समापन अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष ठा. किशन सिंह ने सभी चित्रों को बहुत रूचि के साथ देखा और चित्रकार उमाशर्मा द्वारा बनाई कलाकृतियों की प्रषन्सा की। इस अवसर पर जिला अस्पताल के सीनियर सर्जन डाक्टर विकास मिश्रा व सीमा मिश्रा व अन्य लोगों ने भी चित्रकला प्रदर्शनी को देखने में विशेष रूचि दिखाई।
उमा शर्मा ने अबतक लगभग 100 से अधिक पेपर कोलाज व तैल चित्र बनाये हैं तथा मुम्बई, भोपाल, जयपुर, अजमेर, दिल्ली, षिमला, बेंगलौर, खजियार आदि स्थानों पर अपनी प्रदर्शनी लगायी हैं, उनको पेपर की कटिंग काट कर सीन के हिसाब से चिपका कर कोलाज तैयार करने में उन्हें महारत हांसिल है।
उनकी कलाकृति में ब्रज का पूरा चित्रण देखने को मिलता है। उनके द्वारा बनाये गये तैल चित्रों में ब्रज की सभ्यता, संस्कृति और जनसामान्य के जीवन की झलक भी देखने को मिलती है।
चित्रकला प्रदर्शनी देखने के उपरान्त जिला पंचाचत अध्यक्ष ने ब्रज लोक कला एवं शिल्प संग्रहालय में रखी प्राचीन ग्रामीण वस्तुओं कलाकृतियों का अवलोकन भी किया और ग्रामीण प्राचीन वस्तुओं को देख अपने पुराने समय में खो गये।
इस अवसर पर गीता शोध संस्थान वृन्दावन में ब्रज संस्कृति विशेषज्ञ डॉ० उमेश चन्द्र शर्मा ने सभी आगंतुकों का आभार प्रकट किया। सात दिन तक चलने वाली चित्रकला प्रदर्शनी को देखने पहुंचे देशी व विदेषी दर्शकों ने प्रदर्शनी को देखने में खूब रूचि दिखाई। इस अवसर पर गीता शोध संस्थान के डायरेक्टर डॉ. दिनेश खन्ना, महामण्डलेश्वर एस. एस. जौहरी, डॉ0 एस.पी. गोस्वामी, कल्पना सारस्वत, अर्चना, साधना, नंदिनी, मुकेश सारस्वत, अनिकेत, अनुकृति, कमलेश्वर, तनु शर्मा, प्रीति, शशि, गीता व्याख्याता महेश शर्मा, पत्रकार सुनील शर्मा, गीता शोध संस्थान के कोडिनेटर चन्द्र प्रताप सिंह सिकरवार, आदि उपस्थित थे।
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