बुधवार, 19 जुलाई 2017

पंडित जी को मुक्ति मिले तथा अन्य लोगों को इस घटना से सबक

हाल ही में एक घटना की जानकारी हुई मुझे दुःख बहुत हुआ पढ़कर आपको भी होगा और एक चिन्ता भी होगी। हमारे एक प्रिय मित्र पेशे से पंडित तो नही थे लेकिन लोगों के दुःख दर्द में काम आते थे किसी की कोई परेशानी हो तो उसके समाधान के लिये वह उनके घर हबन यज्ञ अनुष्ठान आदि करा दिया करते थे। मेरे यहां भी उन्होंने काफी समय पहले मन की शान्ति के लिये महामृत्युंजय का पाठ व हबन किया था। वह अक्सर किसी न किसी के यहां इस प्रकार के अनुष्ठान किया करते थे। मथुरा के अनेक नामचीन लोगों के यहां वह आया जाया करते थे। कई नेताओं, विधायकों व अधिकारियों के यहां भी उनका सहज भाव से आना जाना लगा रहता था। हमेशा अभावों में गुजर बसर कर अपने तीन बेटों को पढ़ाया लिखाया था। पंडित जी, गुरूजी, शर्मा जी के नाम से लोग उन्हे जानते थे। उन्होंने किसी तरह से अपने तीनों बेटों को अपने पैरों पर खडा कर दिया था। हमेशा आर्थिक तंगी के दौर से गुजरने के कारण उन्होंने अपने किसी परिचित से कुछ रुपया उधार ले लिया था। उसे चाह कर भी नही चुका पा रहे थे। हर रोज तकादा आता और वह कौई न कोई बहाना करके अगले दिन के लिये गहरी सांस लेते थे। पंडित जी के बैटों को जब पता चला तो बेटों ने पिता की जमकर पिटाई कर दी। वह भी घर में अपनी माँ के सामने तथा घर में मौजूद बहुओं के सामने, पंडित जी के लिये यह इतना आत्मग्लानी से भरा पल था कि उन्होंने अपने किसी मित्र को सारी घटना बताई और अपने पुत्रों द्वारा दिये घाव भी दिखाये। दूसरे दिन पंडित जी ने घर में सल्फास खाकर आत्महत्या कर ली। यह खबर शायद ही किसी अखवार का हिस्सा बन पाई हो। लेकिन पंडित जी ने मरने से पहले भी अपने पुत्रों के प्रति सहानुभूति दिखाते हुए इस मतलवी दुनिया से विदा ली और मन ही मन सोचा होगा कि अगर मुझे भगवान ने पुत्रों के स्थान पर तीन बेटियां दी होती तो शायद मैं पुत्रों के इस प्रकार के कृत्यों का शिकार न होता। पिता ने अपने मरने से पूर्व भी कोई शुईसाइट नोट भी नहीं छोडा जिससे किसी तरह से पुत्र फंस न जायें। अगर पिता के पास एक मकान के अलावा कुछ भी होता तो वह इसके लिये भी हिस्सा वाट करने के लिये पिता से झगडते व मार पीट भी करते। लेकिन बेटियां ऐसा न करती। पन्डित जी द्वारा किये गये इस कृत्य की जानकारी हुई तो मुझे बहुत दुःख हुआ। पंडित जी को मुक्ति मिले तथा अन्य लोगों को इस घटना से सबक मिले।