सोमवार, 19 जुलाई 2010

आखिर एसडीएम गुप्ता ने आत्महत्या करने का प्रयास क्यों किया


मथुरा से सुनील शर्मा
आखिर एसडीएम गुप्ता ने आत्महत्या करने का प्रयास क्यों कियातरह-तरह की चर्चाएं, हर कोई वजह तलाशता नजर आ रहा है

आखिर एसडीएम गुप्ता ने आत्महत्या करने का प्रयास क्यों कियातरह-तरह की चर्चाएं, हर कोई वजह तलाशता नजर आ रहा हैमथुरा। गोली मारकर खुद को घायल करने वाले एसडीएम की हालत में दूसरे दिन के बाद भी कोई सुधार नहीं आया है उनकी हुई है तथा उन्हें आगरा के एक निजी अस्पताल के गहन चिकित्सा कक्ष में रखा गया है। अधिकारी बराबर अस्पताल में आ जा रहे हैं। अधिकारी व पुलिस इस मामले में कुछ भी बताने को तैयार नहीं हैं लेकिन एसडीएम द्वारा आत्महत्या के प्रयास की दिनभर चर्चा होती रही जितने मुंह उतनी बातें सुनने को मिल रही हैं। पुलिस भी मामले की रिपोर्ट दर्ज करने को तहरीर का इंतजार कर रही है। एसडीएम द्वारा आत्महत्या से पूर्व छोड़ गया सुसाइड नोट पर भी लोगों ने प्रश्नचिन्ह लगा दिये है। आत्महत्या की वजह तलाशता हर व्यक्ति यह कह रहा है कि आखिर एक जिम्मेदार अधिकारी द्वारा जिसकी हर तरह की जिम्मेदारियां पूर्ण हो चुकी हों या फिर पूरी तरह सम्पन्न हो वह ऐसा क्यों कर सकता है या फिर इसके पीछे कोई और वजह है जो इस अधिकारी को इतना बड़ा फैसला लेने को मजबूर होना पड़ा। शनिवार की सुबह मांट के एसडीएम राजीव गुप्ता ने अपने मथुरा स्थित सरकारी आवास पर खुद को अपनी लाइसेंसी रिवॉल्वर से गोली मार ली थी। गोली उनकी कनपटी में लगी गंभीर अवस्था में उन्हें आगरा के कामायनी हॉस्पीटल में भर्ती कराया गया है। जहां उनकी हालत स्थिर बनी हुई हैं। यहां जिले के समस्त अधिकारी व पुलिस अधिकारियों के अलावा जिलाधिकारी दिनेश चंद्र शुक्ला बराबर सम्पर्क बनाये हुए हैं। कामायनी हॉस्पीटल में आगरा तथा मथुरा के प्रशासनिक अधिकारी व पुलिस अधिकारी मौजूद हैं। उधर थाना सदर बाजार पुलिस ने आत्महत्या के प्रयास की रिपोर्ट दर्ज नहीं की है। पुलिस को एसडीएम के परिजनों द्वारा तहरीर दिये जाने का इंतजार है। इसी बीच सोमवार की सुबह ही सदर बाजार थानाध्यक्ष विजय बहादुर सिंह समेत पांच थानाध्यक्षों में फेरबदल किया गया है। दूसरी तरफ एसडीएम गुप्ता की पत्नी के समक्ष उनके सरकारी आवास की हर तरफ से जांच की गई तथा वहां रखी हर वस्तु व हालात की वीड़ियों ग्राफी तक कराई गई। बताया जाता है कि उनके एटीएम कार्ड व कुछ अन्य जरूरी चीजें घर से गायब हैं उनके तीन मोबाइल भी घटना के बाद से गायब हैं। जबकि पुलिस के अनुसार तीनों मोबाइलों को सील किया गया है। एसडीएम मांट के मोबाइल की कॉल डिटेल भी अभी तक पुलिस के हाथ नहीं लगी है। यदि यह कॉल डिटेल मोबाइलों की मिल जाये तो घटना का सारा राज खुलकर सामने आ जायेगा। पुलिस ने अभी तक यह जानने का प्रयास नहीं किया कि एसडीएम मांट शनिवार सुबह से कहां-कहां गये किस-किस से मिले थे। तथा उनके मथुरा स्थित सरकारी आवास पर कौन-कौन आया था तथा इस दौरान श्रीगुप्ता से किस-किस ने उनके मोबाइल पर बातें की है। कुछ भी हो यह मामला काफी उलझा हुआ लग रहा है यदि इस घटना को ठीक से पुलिस खोलती है तो बड़े-बड़े लोगों के चेहरे सामने आ जायेंगे। आखिर एसडीएम गुप्ता के आत्महत्या करने की कोई न कोई वजह जरूर है।------