सोमवार, 1 अगस्त 2011

सैंकड़ो शिक्षक ले रहे हैं घर बैठे वेतन

मथुरा में सर्व शिक्षा अभियान बना वरदान
सैंकड़ो शिक्षक ले रहे हैं घर बैठे वेतन
’मथुरा, ज्यौ -ज्यौ दवा की त्यौ-त्यौ मर्ज बढता गया’ यह पक्तियां जनपद मैं सरकारी सर्व शिक्षा अभियान पर सटीक साबित हो रही हैं। जहां शिक्षा विभाग और सत्ता धारी नेताओं की मैहरबानी से सैकड़ों शिक्षक घर बैठे वेतन प्राप्त कर रहे है। तो कहीं-कहीं चंद छात्रो पर शिक्षकों की फौज तैनात कर दी गयी है।
’सब पढें सब बढे’ं नारे के साथ चलाया जा रहा सर्व शिक्षा अभियान अरबों की राशि खर्च करने के बाबजूद भी जनपद में कहीं भी गति पकड़ता नजर नहीं आ रहा है। बड़े पैमाने पर शिक्षकों की भर्ती होने एवं उन्है विद्यालयों में तैनात किये जाने के बाबजूद भी ना तो प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों के दर्शन हो रहे है और न ही शिक्षकों की अनुपस्थिति के चलते बच्चे नजर आ रहे है। जानकार सूत्रो का कहना है कि बेसिक शिक्षा विभाग के अफसरों की सांठ-गांठ से दो से पांच हजार प्रतिमाह सुविधा शुल्क लेकर अनुपस्थित शिक्षकों को उपस्थित दर्शाकर घर बैठे वेतन दिला दिया जाता है तो वहीें दूरस्थ विद्यालयों में तैनात शिक्षकों को घर के नजदीक ही 25 से लेकर 50 हजार तक सुविधा शुल्क लेकर तैनात कर दिया जाता हैं। जो कभी विद्यालय आना भी उचित नहीं समझते हैं। जब कि उन्है विद्यालय निर्माण एवं कक्षा-कक्ष निर्माण की जिम्मेदारी तो सौंप दी जाती है। लेकिन जनगणना, पल्स पोलियों, मतदाता सूची पुर्नरीक्षण सहित अन्य सरकारी कामकाज से मुक्त कर दिये जाते हैं। गत दिनों ग्राम प्रधानो द्वारा शिक्षकों एवं शिक्षा विभाग के अफसरों के खिलाफ मोर्चा खोला गया तो जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी राजू राणा ने शख्थी दिखाते हुये कई ब्लाकों के सहायक बेसिक शिक्षा अधिकारियों पर गाज गिरा दी गई। जिससे शिक्षकों में हड़कम्प मच गया। लेकिन उन्होने विद्यालायों में उपस्थित दर्ज कराने के स्थान पर अपने को बीमार दर्शाकर मैडीकल जमा करा दिये।सूत्रों का कहना है कि सर्वशिक्षा अभियान की सबसे अधिक दुर्दशा जनपद के सबसे दूरस्थ नौहझील ब्लाक की है जहां बमुश्किल 20 प्रतिशत शिक्षक ही विद्यालयों में उपस्थित हो रहे है। जब कि 80 प्रतिशत शिक्षक रिकार्ड में तो उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं। लेकिन विद्यालयों में जनता और बच्चों को काफी समय से नजर नहीं आ रहे हैं। इसी तरह छाता ब्लाक के अलवायी प्रा0 विद्यालय की शिक्षका आरती सारस्वत, नगला सिरौली की कीर्ति गुप्ता, रेनू वर्मा मथुरा ब्लाक के नगला काशी मे कार्यरत शिक्षका दीपा तौमर के जुलाई 09 से लगातार अनुपस्थित रहने पर तमाम चेतावनी को नजर अन्दाज करने पर बी एस ए राजू राणा ने निलाम्बित कर दिया है और बर्खास्त करने की चेतावनी दी है। लेकिन इसके बाबजूद भी सर्व शिक्षा अभियान में दूर-दूर तक सुधार नजर नहीं आ रहा है। बताया जाता है कि शिक्षा विभाग द्वारा दूरस्थ स्थानों से शिक्षकों को हटाकर हाइवे स्थित विद्यालयों में चन्द छात्रों पर ही शिक्षकों की फौज तैनात कर दी है। जों अफसरों के दौरे के समय ही नजर आते है। जब कि दूरस्थ विद्यालयों में बड़ी संख्या में बच्चों की उपस्थिति होने के बाबजूद भी शिक्षक दिखाई नहीं दे रहें है। मडुआका के प्रधान कुंवर सिंह एड0 सुरीर के प्रधान रघुनाथ सिंह एड0, बाघर्रा के प्रधान मुकेश भारद्वाज, शुशील शर्मा कहते है कि सर्वशिक्षा अभियान के नाम पर अफसर लूट करने में लगे हुये है। जिनकी सांठ गांठ से शिक्षक विद्यालयों में न आकर घर बैठे वेतन प्राप्त कर रहे है। जिससे प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयांे में शिक्षा की हालत दयनीय बनी हुई है।

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