बुधवार, 28 अगस्त 2013

झारखण्ड़ के रांची से 16 जून से लापता यूको बैंक के सीनियर मैनेजर भटटाचार्य का आज तक पता नही चला।

झारखण्ड़ के रांची से 16 जून से लापता यूको बैंक के सीनियर मैनेजर भटटाचार्य का आज तक पता नही चला। 
झारखण्ड़ में यूको बैंक की रांची की ध्रूवा शाखा के सीनियर मैनेजर मथुरा निवासी श्री सुधीरंजन भटटाचार्य 16 जून 2013 से लापता हैं। बैंक के सीनियर मैनेजर को एक षड़यत्र के तहत अगुवा किया गया हैं। परिजनों ने उसकी तलाश में डीजीपी से लेकर पुलिस के तमाम अधिकारियों के यहां दस्तक दी तथा बैंक अधिकारियों तक से सम्पर्क साधा लेकिन कोई सन्तोषजनक उत्तर नहीं मिल पाया और कहीं से अब तक कुछ पता नही चल सका है कि आखिर बैंक मैनेजर कहां गये। उनकी पत्नी के अनुसार बैंक के अधिकारियों ने स्वीकार किया है कि वह रांची के दो बिल्डरों द्वारा यूको बैंक ध्रूवा व्रांच के साथ करीव तीन करोड़ रुपयों की धोखाधड़ी कर ओवर ड्राफ्ट के माध्यम से बैंक के करेन्ट एकाडन्ट से रकम निकालने के वाद उस रकम को बैंक में जमा नहीं करा रहे थे। जिसे लेकर बैंक के सीनियर मैनेजर सुधीरंजन भटटाचार्य 16 जून को सिद्धार्थ गुप्ता व मनीष मुन्डा के साथ व्यक्तिगत मुलाकात कर बैंक के बकाया के भुगतान को सेटेलमेन्ट कराने की गरज से घर से निकले थे। 
मथुरा स्थित कृष्णा नगर पुलिस चैकी क्षेत्र की मधुबन एंकलेव काॅलोनी निवासी सुधीरंजन भटटाचार्य आठ माह पूर्व ही झारखण्ड के रांची की ध्रूवा शाखा में स्थानांतरित हुए थे। श्री भटटाचार्य पूर्व में मथुरा की गोविन्द गंज शाखा के अलावा आस पास के तमाम जनपदों में कार्यरत थे। मृदुभाषी किन्तु अपने में ही सीमित रहने बाले श्री भटटाचार्य किसी भी व्रांच से किसी शिकायत के दोषी नहीं थे। 
श्री भटटाचार्य ने 16 जून को रात्रि 8 बजकर 43 मिनट पर अपने छोटे भाई सुरंजन भटटाचार्य से मथुरा बात की थी। जो कि श्री भटटाचार्य की अपने परिवार से यही अन्तिम वार फोन पर वार्ता हुई थी। तब तक श्री भटटाचार्य ने पूरी तरह से ठीक हालत में बात की तथा वह किसी तरह के तनाव या अवसाद की स्थिति में बातचीत नहीं कर रहे थे। 16 जून के वाद से श्री भटटचार्य ने न तो परिवार के किसी सदस्य से बात की और न ही कोई फोन उनका मिल पाया। इसके वाद परिवार में चिन्ता होने लगी तब परिवार के सदस्यों ने जब उनके मौबाइल फोन पर सम्पर्क किया तो उनके दोनों फोन बन्द मिल रहे थे। बेटे के गम में 85 वर्षीय माँ ने बिस्तर पकड़ लिया है बहन बहनोई और परिजन परेशान हैं। आखिर झारखण्ड के रांची में कहां जाकर खोजें।उनको चिनता सता रही है कि कहीं उनकी हत्या न कर दी गयी हो। 
इसके वाद उनकी पत्नी श्रीमती सुमिता भटटाचार्य किसी तरह अपने देवर और ननद के साथ रांची पहुँची जहां उन्होंने सम्बंधित यूको बैंक की ध्रुवा रांची ब्रांच में 24 जून को बैंक के अन्य कर्मचारी श्री विश्वनाथ और श्री सी.पी सिंह से मुलाकात की तो जानकारी मिली कि उनके पति श्री सुधीरंजन भटटाचार्य करीब 8 जून से 13 जून तक छुटटी पर थे। फिर 14 जून को भी वह बैंक में डयूटी पर नहीं पहुँचे साथही 15 जून को श्री भटटाचार्य ने श्री विश्वनाथ को मैसेज किया कि वह सोमवार को बैंक जोईन करेंगे तथा उन्होंने लिखा कि वह मनीष व सिद्धार्थ से ओवर ड्राफ्ट को एडजेस्ट कराने के लिए मुलाकात भी करेंगे। श्री भटटाचार्य ने श्री विश्वनाथ को 16 जून रात्रि 8 बजकर 45 मिनट पर फिर मैसेज दिया कि मैं मनीष से मुलाकात करने के लिए बिटसा चैक पर इन्तजार कर रहा हूँ।
इसके वाद से श्री सुधीरंजन भटटाचार्य का कोई पता नहीं चल पा रहा है कि आखिर 16 जून से लापता एक बैंक के सीनियर मैनेजर कहां गये। उनकी पत्नी ने बराबर फोन पर सम्पर्क करने का प्रयास किया लेकिन उनका कोई सम्पर्क उनसे नही हो पाया है। बताया जाता है कि सिद्धार्थ गुप्ता व मनीष मुन्ड़ा काफी प्रभावशाली व बाहुबलि बिल्डर्स हैं जिनके खिलाफ झारखण्ड़ में तथा रांची मे कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं है। 
श्री सुधीरंजन भटटचार्य ने अपने फ्लेट 404 जगन्नाथ एपार्टमेन्टस सिंह मोड़ लातमा रोड़, हेशंग हातिया, रांची में अपने कमरे में दो पत्र लिख कर छोडे़ हैं जोकि एक सिद्धार्थ गुप्ता व मनीष मुन्डा के नाम लिखे हैं जिसमें बैंक की ओर से ओवर ड्राफ्ट की रकम शीघ्र जमा कराने के लिए लिखा है तथा न जमा कराने की स्थिति में बैंक काननी कार्यवाही करने के लिए व बसूली करने की कार्यवाही कर सकती है। मनीष मुन्डा के पत्र में श्री भटटाचार्य ने धमकी दिये जाने व जान से मारने की धमकी का जिक्र भी किया है। साथ ही जल्द मुलाकात कर ओवर ड्राफ्ट की रकम के सम्बन्ध में वार्ता करने का जिक्र भी किया है। 
श्री भटटाचार्य की पत्नी श्रीमती सुमिता भटटाचार्य के अनुसार उन्होंने प्रदेश के डीजीपी से लेकर आईजी, एसएसपी समेत सम्बधित थाने में जाकर सम्पर्क किया था लेकिन किसी ने उनकी कोई मदद नही की। उन्होंने बताया कि यूको बैंक के जोनल मैनेजर श्री जी.पी भौमिक से भी मुलाकात की वह भी कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दे सके। भटटाचार्य के एक टैªवेल एजेन्ट श्री अशोक से भी सम्पर्क किया था। वह भी चुप्पी साधे हुए थे लगता है कि उनको कुछ न कुछ तो मालुम है। 
श्रीमती भटटाचार्य ने थानाध्यक्ष जगरनाथपुर थाना रांची में एक लिखित शिकायत दर्ज कराई है। जिसमें शीघ्र पति को ढूंढ कर उनके बारे सूचना देने की गुहार लगाई है।  
बैंक का स्टाफ और पुलिस पूरी तरह से बाहुबलियों के इशारे पर काम कर रही है। श्रीमती भटटाचार्य का कहना है कि बैंक से लापता बैंक अधिकारी के विषय में बैंक ने पुलिस में रिर्पोट क्यों नहीं दर्ज कराई और बैंक द्वारा समाचार पत्रों में कोई सूचना प्रकाशित क्यों नही कराई गई तथा उनके परिवार से सम्पर्क क्यों नहीं किया गया आखिर क्या बजह थी कि श्री सुधीरंजन भटटाचार्य को बैंक ने आनन फानन में निलंबित कर दिया तथा इस आशय का नोटिस भी बैक में चसपा करा दिया। बताया जाता है  िकइस घटना के वाद जोनल मैनेजर से लेकर बैंक में कार्यरत अधिकारियों को भी ट्रांसफर कर दिया गया है। 
बैंक के अधिकारियों को मनीष और सिद्धार्थ के विषय में पूरी जानकारी है। मेरे पति को किसी न किसी षड़यत्र के तहत फंसाया जा रहा है और उनके साथ कुछ भी हो सकता है। दोनो पत्रों के मजमून से और सारा घटनाक्रम तो सिद्धार्थ और मनीष की ओर इशारा करते हैं और कहीं न कहीं पुलिस और बैंक के अधिकारियों की मिलीभगत से इन दोनों ने ही बैंक के सीनियर मैनेजर को ठिकाने न लगा दिया हो एसी सम्भावना व्यक्त की जा रही है, घटना जो भी हो सामने आनी चाहिए।  
  

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