मंगलवार, 26 दिसंबर 2023

अगर व्यवस्थाऐं न सभल पायें, तो आरोप प्रत्यारोप लगा दो

सौ बात की एक बात अगर व्यवस्थाऐं न सभल पायें, तो आरोप प्रत्यारोप लगा दो ‘‘राधे राधे रटो बुलायेंगे बिहारी’’ तो चले आये बिहारी जी के दर पे वृन्दावन, मथुरा। सड़क पर यातायात व्यवस्थायें न सभल पा रही हों तो चौराहों को बंद कर दो, किलो मीटर दूर तक बाहनों को मोड दो या रोक दो, मंदिरों की तरफ भींड़ जा रही हो तो उसे बैरिकेटिक करके रोक दो, तो न आयेगी भींड़, न लगेगा जाम। वृन्दावन सौ सैया हास्पीटल के पास पागल बाबा मंदिर के बाद से ट्रेफिक को मोड़ दिया जाता है, वृन्दावन की ओर से आने वाले बाहनों को टीएफसी से भी आगे भेज दिया जाता है, मथुरा में स्टेट बैंक चौराहे के पास से लोगों को एक किलो मीटर आगे धकेल दिया जाता है, कभी-कभी रूपम सिनेमा के सामने से महाविद्या कॉलोनी की तरफ ही नहीं जाने दिया जाता है, कोई पूछे तो उल्टा सीधा जबाव मिलता है, बस कह दिया जाता है ‘‘आगे जाओ’’। प्रष्न उठता है कि अगर इस प्रकार से बाहनों को डायवर्ट किया जाता है तो यह परमानेन्ट ही कर दिया जाये। फिर यदि ट्रेफिक को आगे एक किलो मीटर धकेल दिया जाता है, तो फिर चौराहों पर इतने ट्रेफिक पुलिस कर्मियों की वहां आवष्यकता ही क्या है।
सोषल मीडिया पर बॉके बिहारी मंदिर वृन्दावन में लगातार आ रही भींड़ से स्थानीय लोग खासे परेषान हैं, हों भी क्यों न, क्यों कि घरों से निकल भी नहीं पा रहे हैं। जिन्हें भींड़ के आने से कुछ फायदा होता है, वह परेषान नहीं हैं, परेषान तो वह ज्यादा हैं जिनको इस भींड़ के आने से किसी प्रकार का फायदा नहीं है, वह जरूर परेषान हैं, वह सोषल मीडिया पर तरह-तरह के सुझाव और आरोप प्रत्यारोप लगा रहे हैं। कोई लिख रहा है कि यहां आ जाते हैं और यहीं गन्दगी करते हैं, यहीं दुकानों के पट्टे पर सो जाते हैं, यमुना में नंगे होकर नहाते हैं, चाहें जहां जो मर्जी आती है करते हैं। कोई लिख रहा है कि ऑनलाइन रजिस्ट्रेषन करा कर दर्षन कराने चाहिए, कोई लिख रहा है कि वृन्दावन में ई रिक्षा अधिक हो गये है, इससे समस्या है। तरह-तरह के सुझाव और तरह-तरह की षिकायत शासन, प्रषासन से की जा रही है। अगर शहर में गन्दगी हो तो नगर निगम है, वह व्यवस्थाऐं देखे और यदि भींड़ ज्यादा आवे तो प्रषासन को देखना है, व्यवस्थायें वह भी स्थानीय लोगों से सुझाव लेकर की जायें। मंदिर में बैरीकेटिंग लगाई गई, नहीं लगने दी गयी, उससे परेषानी होने लगी। गलियों में बैरीकेटिंग लगाई गयी, वह व्यवस्था भी रास नहीं आयी। कोरीडोर का विरोध होने लगा। इतनी भयंकर भींड़ की व्यवस्था के लिए कोई न कोई उपाय जरूर किया जाना चाहिए, दिन पर दिन भींड़ बढ़ रही है। और यह भींड़ सिर्फ वृन्दावन बॉके बिहारी जी में ही नहीं है पूरे जनपद में है बरसाना, नन्दगाँव, गोवर्धन, मथुरा जंक्षन स्टेषन से लेकर मथुरा श्रीकृष्ण जन्मस्थान जाने वाले सभी मार्ग सुबह और सांम को लोगों इतनी भींड़ का सामना करना पड़ता है, कि स्थानीय लोगों का निकलना भी दूभर हो जाता है। सावन का महिना हो अधिक मास हो, वर्ष का अन्तिम सप्ताह हो या नये साल की शुरूआत हो, सभी को पुण्य कमाना है, सभी भगवान से नैना मिला कर अपना आगे का जन्म सुधारना चाहते हैं।
वृन्दावन के कुछ लोगों के कहने भर से लोगों का आना तो रूकने वाला है नहीं, वृन्दावन धाम है, पुण्य भूमि है, राधारानी का नित्य लीला स्थान है। भगवान श्री कृष्ण की रास स्थली है, जिसने भी सुना, सोषल मीडिया पर सुना, यूट्यूब पर सुना ‘‘राधे राधे रटो चले आयेंगे बिहारी’’, लोगों ने समझ लिया ‘‘राधे राधे रटो बुलायेंगे बिहारी’’ तो चले आये बिहारी जी के दर पे अब तो तू हमें सम्भाल हम तो आ गये तेरे दर पे। भीड़ का दवाब तो प्रतिवर्ष पिछले वर्ष के मुकाबले में बढ़ ही रहा है व्यवस्थाएं तो जिला प्रषासन को करनी ही चाहिए। समय रहते व्यवस्थायें न की गयीं तो यह समस्या बिकाराल रूप ले सकती है। समाजसेवी संस्थाओं को भी इस समस्या के लिए आगे आना होगा और स्थानीय लोगों को भी जिला प्रषासन के सहयोग के लिए ठोस सुझाव देने चाहिए।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें